उत्तराखंड

दो विभागों के झूलते हुए आठ माह से अटकी पड़ी यह प्रक्रिया

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देहरादून। परिवहन विभाग अब अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए प्रदेश के सभी प्रवेश द्वारों पर आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन (एपीएनआर) कैमरे लगाने का आठ माह बाद भी नहीं हो पाया है। आठ महीने तक जएसटी और परिवहन  विभाग के बीच यह मामला खींचतानी में रहा। आखिर में परिवहन विभाग को इन कैमरों को लगाने की जिम्‍मेदारी मिली। इन कैमरों को लगाने का मकसद यह कि इससे बिना टैक्स भरे आने वाले वाहनों के बारे में जानकारी मिल सके। इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर इन वाहनों के नंबर से इन्हें पकड़ा जा सकेगा। विभाग प्रवर्तन के कार्यों को भी आनलाइन करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत प्रतिदिन प्रवर्तन के कार्यों की सूचना आनलाइन दर्ज की जाएगा।

प्रदेश में इस समय परिवहन विभाग की 19 चेकपोस्ट स्वीकृत हैं। इनके सापेक्ष अभी 13 ही कार्यरत हैं। इन चेकपोस्ट पर बाहर से आने वाले वाहनों की जांच होती है। जो वाहन बिना टैक्स जमा कराए प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते हैं, यहां उनका टैक्स भी जमा किया जाता है। यह काम आनलाइन होने के साथ ही रसीद काटकर भी किया जाता है। इसमें गड़बड़ी की गुंजाइश रहती है। इसे देखते हुए अब यह व्यवस्था पूरी तरह आनलाइन करने की तैयारी है। जिन चेकपोस्ट पर नेटवर्क की दिक्कत है, वहां कंप्यूटरीकृत रसीदें काटी जाएंगी और नेट कनेक्टिविटी दुरुस्त करने के लिए संचार कंपनियों से वार्ता की जाएगी। यहां राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए अब एपीएनआर कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन कर यह जानकारी देंगे कि इस नंबर के वाहन का टैक्स जमा है या नहीं।

इससे बिना टैक्स जमा किए आने वाले वाहन की पहचान हो सकेगी और इन्हें आसानी से पकड़ा भी जा सकेगा। विभाग की योजना निकट भविष्य में इन चेकपोस्ट में कर्मचारियों की संख्या कम करते हुए यहां तैनात कार्मिकों को प्रवर्तन कार्यों में तैनात करने की है। हालंकि आठ माह  बीत जाने के बाद भी कैमरे लगाने का यह काम शुरू नहीं जा सका है। सूत्रों हवाले से समाचार एजेंसी आरएनएस को जानकारी मिली कि इस काम को लेकर जीएसटी और परिवहन विभाग के बीच खींचतान चल रही थी। अब यह तय हुआ है  कि परिवहन विभाग इस कार्य को करेगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने तकनीकि मानक तय कर दिए हैं और शीघ्र ही इसके लिए ठेके की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

प्रवर्तन के कार्यों में तेजी लाने को विभाग में तैनात सभी इंटरसेप्टर को अब अधिकतम सड़कों पर रखा जाएगा। इसके लिए शिफ्टवार कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। प्रतिदिन होने वाली कार्रवाई से आरटीओ प्रवर्तन को अवगत कराया जाएगा, जो इसकी सूचना विभागीय साफ्टवेयर पर अपडेट करेंगे, ताकि प्रवर्तन की सूचना हर समय उपलब्ध रहे। पिछले दिनों सचिव परिवहन रणजीत सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में प्रवर्तन का कार्य अब आनलाइन किया जा रहा है। इस कड़ी में सीमाओं पर स्थित चेकपोस्ट पर एपीएनआर कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं।



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