उत्तराखंड

यमकेश्वर विधानसभा: यूकेडी तोड़ पायेगी अपना हार का रिकॉर्ड

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यमकेश्वर: यूकेडी ने यमकेश्वर में अपना प्रत्याशी तय कर लिया है, अपने केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पिछले 2017 और लोकसभा पौड़ी से सांसद के प्रत्याशी रहे शांति प्रसाद भट्ट इस बार फिर से जनता की नब्ज टटोलने पर लगे हैं, लेकिन इस बार जनता अभी तक चुनावी मुद्दे पर मौन है।

   पिछले चार चुनाव की बात की जाय तो तीन बार यूकेडी से डॉ शक्तिशैल कपरवान यूकेडी से यमकेश्वर मैदान में उतरे, राज्य आंदोलन कारी पार्टी और यमकेश्वर से सबसे अच्छे उम्मीदवार शक्तिशैल कपरवान को जनता ने तीनों बार नकार दिया, पहली बार जँहा यूकेडी 3500 से ज्यादा मत प्राप्त करने में कामयाब रही वही दूसरी तीसरी बार आंकड़े कम होते गए और 2017  की मोदी लहर में यूकेडी यमकेश्वर से चार अंकों का आंकड़ा भी पार नही कर पाई।

    जँहा तक शांति प्रसाद भट्ट क्षेत्रीय मुद्दों पर राष्ट्रीय पार्टियों पर हावी रहते दिखाई देते हैं, लेकिन उसे वह जनता में मत में बदल पाने में सफल नही हो पाते।  एक कुशल प्रवक्ता के साथ ओजस्वी वक्ता शांति प्रसाद भट्ट यमकेश्वर में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिये क्षेत्रीय हितों को उठाते हैं, लेकिन जनमानस यूकेडी की भावना को नही समझ पाती है, केवल संवेदना के तौर पर यूकेडी के साथ खड़ी होती है, और मतदान अन्य दलों को करती है। शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि यदि जनता अपना आशीर्वाद देती है तो वह यमकेश्वर में इन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करेगी।

    उन्होंने राष्ट्रीय पार्टियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों दलों ने उत्तराखंड को लूटा है, राज्य आंदोलन कारियो की भावना के साथ खिलवाड़ किया है, यमकेश्वर में बीजेपी स्वर्गाश्रम तक ही यमकेश्वर मानती है इसलिए वह कभी यमकेश्वर के विकास का दर्द नही समझ पाती है।  उन्होंने कहा कि यदि जनता उन्हें अपना आशिर्वाद देती है तो वह यमकेश्वर में प्रत्येक ब्लॉक में सैनिकों के लिये कैंटीन की व्यवस्था, केंद्रीय विद्यालय, अशासकीय स्कूलों के प्रान्तीयकरण करवाने और पर्यटन को फूलचट्टी और राफ्टिंग से आगे पूरे यमकेश्वर में पहुंचाने के लिये कार्य करेंगे।

   अब आने वाले चुनाव में राज्य का एक मात्र क्षेत्रीय दल यूकेडी जिसका नारा दल नही दिल है  को जनता कितना दिल से लेती है औऱ शांति प्रसाद भट्ट जो लोकल यानी कि सिन्दुड़ी के मूल निवासी उत्तराखंड जन आंदोलन कारी नेता हैं, वह इस बार यमकेश्वर में किंस तरह से जनभावनाओं को मतदान में तब्दील कर पाते है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।  वैसे जिस तरह से यमकेश्वर में क्षेत्रीय उम्मीदवार को इस बार आगे बढ़ाने की माँग देखने को मिल रही है, उस दृष्टिकोण से शांति भट्ट प्रखर प्रवक्ता को मौका दिया जाना चाहिए, लेकिन विधानसभा तक किसे पहुँचाना है यह यमकेश्वर जनता जनार्धन तय करेगी।



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