उत्तराखंड

रोड़ नही तो वोट नही। ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार

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धौलछीना (अल्मोड़ा)। चुनाव के समय राजनैतिक दलों के प्रत्याशी विभिन्न मुददों के साथ जनता के बीच पहुंचते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद इन मुद्दो पर काम नहीं होता और जनता खुद को ठगा सा महसूस करती है। ऐसा ही कुछ धौलछीना के ग्रामीणों के साथ भी हो रहा है।जहां एक तरफ़ डिजिटल इंडिया की बात होती है वहीं दूसरी तरफ़ अभी तक इस गाँव में सडक तक नही पहुँच पायी है । चुनाव के समय राजनैतिक दल सडक पहुंचाने के वादे तो करते है लेकिन समस्या जस की तस ही बनी हुई है ।सड़क के इसी मुद्दे को लेकर इस बार भैसियाछाना ब्लॉक के बबूरियानायल गांव के लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का एलान कर दिया। ग्रामीणों के इस एलान से रविवार को जिला प्रशासन की टीम ग्रामीणों को मनाने, समझाने पहुंची।

बबूरियानायल गांव के ग्रामीण लंबे समय से सड़क का इंतजार कर रहे हैं। हर चुनाव में सड़क का मुद्दा उठाया जाता है लेकिन चुनाव समाप्त होते ही मुद्दा धरा का धरा रह जाता है । सडक न होने से गाँव के कई परिवार पलायन कर चुके है। इससे पूर्व भी ग्रामीणों ने 2019 में हुए लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार कर चुके हैं जिसके चलते लोस चुनाव में इस गांव के बूथ पर एक भी वोटर नहीं पहुंचा। इसके बाद भी चुनाव जीतने वाले नेताओं ने ग्रामीणों की सुध नहीं ली।

आपको बता दें की इस बार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ग्रामीणों ने एकमत होकर रोड नहीं तो वोट नहीं का एलान कर दिया। दो दिन पूर्व इस संबंध में ग्रामीणों ने डीएम वंदना सिंह को ज्ञापन सौंपा। मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल डीएम ने डीडीओ केएन तिवारी के नेतृत्व में ब्लॉक स्तरीय टीम का गठन कर ग्रामीणों से वार्ता के लिए भेजा। अधिकारियों ने ग्रामीणों से वार्ता कर उन्हें मनाने, समझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों का कहना था कि अगर जल्द ही सड़क नहीं मिली तो वह आंदोलन और तेज करने के साथ ही आमरण अनशन करने के लिए भी बाध्य होंगे। प्रशासन ने भी जल्द से जल्द उन्हें समस्या समाधान का आश्वासन दिया। गांव पहुंचने वाली प्रशासनिक टीम में स्वीप संयोजक विनोद कुमार राठौर, बीडीओ केएस भोज, वीडीओ मनोज बोरा, पीएमजीएसवाई के ईई एएससी पंत, वन दरोगा मोहन चंद्र भट्ट थे। वार्ता में ग्राम प्रधान महेश बोरा, लाल सिंह मेहरा, गोपाल सिंह मेहरा, रणजीत सिंह जीना, त्रिलोक सिंह सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे।

बबूरियानायल गांव में सड़क की समस्या को लेकर जिलाधिकारी वन्दना सिंह का कहना है की-“इस गाँव में सडक की समस्या नई नहीं है। पूर्व डीएम सविन बंसल भी अपने कार्यकाल में 14 किमी पैदल चलकर कटधारा गांव पहुंचे थे। तब बबुरियानाल के ग्रामीणों ने उन्हें भी समस्या बताई थी। ग्रामीणों का कहना था कि वह गांव वन्य अभ्यारण क्षेत्र में आता है जिस कारण अब तक वहां सड़क की सुविधा नहीं मिली। डीएम ने वन विभाग को जिला योजना में प्रस्ताव रखने के निर्देश दिए थे।

बबुरियानायल गांव के लोगों ने सड़क सुविधा के अभाव के कारण आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था। इससे पूर्व भी ग्रामीण चुनाव बहिष्कार कर चुके हैं। ग्रामीणों को समझाने के लिए एक टीम भेजी गई थी। और उन्हें जल्द समस्या समाधान का आश्वासन भी दिया गया है। फिलहाल ग्रामीणों ने सकारात्मक रूख दिखाया है। जरूरत पड़ी तो फिर गांव में टीम भेजी जाएगी।“
वंदना सिंह, जिलाधिकारी अल्मोड़ा



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