राष्ट्रीय

प्री-फैब्रीकेटेड, एलओसी पर भारतीय सेना को मिला सुरक्षित घर

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लद्दाख। भारतीय सेना को लद्दाख की ही तरह अब समुद्र तल से आठ हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों को कड़ाके की ठंड और बर्फबारी में सुरक्षित ठिकाने का तोहफा मिला है। इस प्री-फैब्रीकेटेड ढांचे (एफआरबी) के अब बर्फबारी के दौरान धंसने का खतरा नहीं है। साथ ही हीटर जलाने पर यह पूरा ढांचा गर्म हो जाता है और जवानों को कड़ाके की ठंड में राहत मिलती है। भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर पहले बर्फबारी के दौरान जवानों को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। 

इनकी बनावट ऐसी है कि इन पर चाहे कितनी भी बर्फबारी हो, ऊपर टिकती नहीं
एक तो दुश्मनों से सीमाओं की रक्षा करने की चुनौती, दूसरी अपने रहने के ठिकाने में तमाम चुनौतियों से जूझना। अब जवानों को नया प्री-फैब्रीकेटेड ढांचा उपलब्ध कराया गया है जिसके तमाम फायदे हैं। नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों का कहना है कि इस एफआरपी के आने से हमारा जीवन और आसान हो गया है।साथ ही इनके अंदर जैसे ही हम कोई केरोसिन हीटर अथवा बिजली के हीटर जलाते हैं तो कुछ ही पलों में यह पूरा एफआरपी गर्म हो जाता है। इससे भारी बर्फ में भी ठंड का एहसास ही नहीं होता है। 

एफआरबी में ही शौचालय की भी सुविधा
जवानों के अनुसार पहले 24 घंटे बुखारी जलाकर रखनी पड़ती थी। उससे भी केवल बुखारी और उसके आसपास की जगह ही गर्म हो पाती थी।लेकिन एफआरपी के एक कोने में हल्की सी गर्मी किए जाने से यह पूरी तरह गर्म हो जाती है। इसी के अंदर एक तरफ शौचालय की भी सुविधा है। 



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