अमेरिका में महात्मा गाँधी की प्रतिमा तोड़ने से भारतीय अमेरिकी समुदाय में आक्रोश
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अमेरिका। महात्मा गाँधी की प्रतिमा तोड़े जाने से भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगो में आक्रोश देखने को मिल रहा है। भारतीय अमेरिकी समुदाय के नेताओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने की घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे गांधी और मार्टिन लूथर किंग का अनादर बताया है, जिन्होंने नफरत को मिटाने के लिए कुर्बानियां दी थीं।
वैदिक फ्रेंड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बालभद्र भट्टाचार्य दास (बेनी टेलीमैन) ने कहा, ‘हिंदू धर्म का पालन करने वाले एक अफ्रीकी अमेरिकी होने के नाते मैं इस बात से बेहद आहत हूं कि कोई महात्मा गांधी का अनादर करेगा। जबकि गांधी ने तो एमएलके (मार्टिन लूथर किंग) को भी अहिंसावादी आंदोलन के लिए प्रेरित किया था। इससे समाज में कई बड़े बदलाव आए थे जिनका असर अब भी हमारे जीवन पर है।’
यह पहली बार नहीं है जब गांधी जी की प्रतिमा को अमेरिका में तोड़ा गया
इसी तरह हिंदूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रबर्ती ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब गांधी जी की प्रतिमा को अमेरिका में तोड़ा गया है। पिछले कुछ सालों में अमेरिका में दक्षिण एशियाई समुदायों में कट्टर इस्लामी और उनके समर्थकों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षत-विक्षत किया है। अमेरिकन हिंदूज अगेंस्ट डेफेमेशन (एएचएएडी) के संयोजक अजय शाह ने बताया कि गांधी और उनके आजादी के आंदोलन ने किंग और अमेरिकी सिविल राइट मूवमेंट को प्रेरणा दी थी।
इस घटना की कांसुलेट जनरल आफ इंडिया ने भी कड़ी आलोचना की थी
उल्लेखनीय है कि विगत शनिवार को न्यूयार्क सिटी में महात्मा गांधी की आदमकद कांस्य प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया गया था। इस घटना की कांसुलेट जनरल आफ इंडिया ने भी कड़ी आलोचना की थी। महात्मा गांधी की आठ फुट की यह प्रतिमा न्यूयार्क के मैनहट्टन यूनियन स्कावायर में लगी थी जिसे अज्ञात लोगों ने तोड़ कर उखाड़ दिया है।
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