‘हुनर से रोजगार तक’ के जरिए बेरोजगार युवाओं को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ रही है सरकार
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देहरादून। गरीब वर्ग के लिए जहां अपने बच्चों को महंगे कोर्स कराने मुश्किल हैं। वहीं बढ़ती बेरोजगारी के बीच केन्द्र के सहयोग से राज्य सरकार गरीबों और बेरोजगार युवाओं को ‘हुनर से रोजगार तक’ योजना के माध्यम से न केवल हुनरमंद बना रही है बल्कि रोजगार भी प्रदान करवा रही है।
योजना के तहत बेरोजगार और गरीब युवाओं को भविष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण कोर्सों को करवाकर उनका व्यक्तित्व निखारने के साथ उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। आम तौर पर ऐसा कम ही देखने व सुनने को मिलता है जहां कम पढ़े लिखे और ज्यादा पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं को एक साथ एक माहौल देकर रोजगार की ओर बढ़ाया जाता हो, लेकिन ‘हुनर से रोजगार तक’ योजना इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
योजना के तहत स्वावलम्बन और स्वरोजगार के साथ निजी व अन्य क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किये जाते हैं। योजना के अंतर्गत फूड प्रोडक्शन, हॉउस कीपिंग, फूड एण्ड बेवरेजेस और हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट के कोर्स निशुल्क कराने के साथ प्रशिक्षु बेरोजगार युवाओं को 2000 रुपए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है।
प्रशिक्षु युवाओं का कहना है कि बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार की ये बेहतरीन योजना है जिसका लाभ सभी युवाओं को उठाना चाहिए। राज्य के विभिन्न स्थानों पर मौजूद गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृहों में बेरोजगार युवाओं को होटल मैनेजमेंट से सम्बन्धित कोर्सों का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे वे अपना भविष्य को रोजगार के लिहाज से बेहतर बना सकें।
8 और 6 सप्ताह के कोर्सों के दौरान 18 से 28 उम्र के प्रशिक्षु युवाओं के हुनर को तराशकर उन्हें व्यक्तित्व विकास और सफल जीवन के गुर भी सिखाए जाते हैं। प्रशिक्षण अवधि के दौरान बच्चों को निशुल्क भोजन और पोशाक भी प्रदान की जाती है। प्रशिक्षण के लिए आठवीं पास न्यूनतम शैक्षिक योग्यता है. प्रशिक्षकों और योजना संचालन का जिम्मा संभालने वाले लोग भी मानते हैं कि सरकार की ये बेहतरीन योजना बेरोजगार युवाओं के लिए लाभप्रद है।
सरकार द्वारा चलायी जा रही ‘हुनर से रोजगार तक’ योजना का खास पहलू ये भी है कि योजना के तहत प्रशिक्षण पूरा करने के बाद रोजगार मेलों के माध्यम से प्रशिक्षु युवाओं को नामी गिरामी कम्पनियों और होटलों में रोजगार भी दिलाया जाता है। इतना ही नहीं प्रशिक्षण के बाद बहुत सारे युवा स्वरोजगार भी पा चुके हैं। ऐसे में इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ युवावर्ग में ये योजना खासी लोकप्रिय भी हो रही है और इस योजना की तारीफ भी की जा रही है।
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