मुख्यमंत्री धामी ने बोधिसत्व: विचार श्रृंखला के तहत किया जन संवाद
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2025 तक उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए जन सुझावों को ध्यान में रखते हुए बनाया जायेगा रोडमैप-सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक सभी क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बनाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े महानुभावों के जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उनको ध्यान में रखते हुए आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस जन संवाद से जो अमृत निकलेगा, प्रदेश के समग्र विकास के लिए भावी रणनीति पर कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं की जा रही हैं क्रियान्वित
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार से राज्य को हर क्षेत्र में पूरा सहयोग मिल रहा है। केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में हवाई, रेल एवं सड़क कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों तक सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ पंहुचाया जा रहा है।
दीर्घकालिक सोच के साथ उत्तराखण्ड में हो रहे हैं अनेक क्षेत्रों में कार्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में दीर्घकालिक सोच के साथ अनेक क्षेत्रों में कार्य हो रहे हैं। नदियों एवं नालों के पुनर्जीवीकरण। वन्य जीवों के संरक्षण, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला दो उत्पाद, लोकल फॉर वोकल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि उत्तराखण्ड से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अधिक से अधिक अनुसंधान कार्य किया जाए। पलायन को रोकने एवं सीमान्त क्षेत्रों के विकास के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। स्मार्ट पुलिसिंग और और साइबर सिक्योरिटी की दिशा में प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्राप्त किये विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों के सुझाव
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों से संवाद किया एवं उनके सुझाव भी लिए। संवाद के दौरान टिहरी जनपद के संजय बहुगुणा ने सुझाव दिया कि वेस्ट को बेस्ट में बदलने के लिए अपशिष्ट पदार्थों से अनेक सजावटी वस्तुएं बनाई जा रही हैं। अपशिष्ट पदार्थों के लिए कलेक्शन सेंटर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके मानव अधिकार संरक्षण संगठन द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों तक पहुंचाई जा रही है।
उत्तरकाशी के अनिल डंगवाल ने कहा कि नाकुरी, उत्तरकाशी में पांरपरिक घराटों का संचालन किया जा रहा है। इस क्षेत्र में अनेक महिलाएं कार्य कर रही हैं। इससे उनकी आजीविका भी बनी है। इस तरह के अन्य प्रयोग भी राज्य के लिए लाभकारी होंगे। वैज्ञानिक डॉ. रूचि बडोला ने कहा कि उनके द्वारा वन एवं संरक्षित क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले लोगों के आजीविका में वृद्धि करने तथा वन्य जीव संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा रहा है। सुरंजना कुकरेती ने सुझाव दिया कि प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए महिलाओं को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार उपलब्ध कराने, कृषि कार्यों को बढ़ावा देने एवं राज्य में भू-कानून लागू करने का सुझाव दिया। सबरजीत सिंह ने सुझाव दिया कि रिवर्स माइग्रेशन के लिए शिक्षा को पर्यटन के साथ जोड़ते हुए कार्य होने चाहिए।
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