ब्रिटेन में भारतीयों का व्यावसायिक वीजा बना चर्चा का विषय
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लंदन। ऋषि सुनक की ब्रिटिश सरकार भारत के साथ एक बेहद अहम बातचीत में लगी हुई है। मामला मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) सौदे से जुड़ा है। एफटीए के तहत ब्रिटेन में भारतीयों के बिजनेस यानी व्यावसायिक वीजा चर्चा का विषय बना हुआ है। बातचीत इस बात को लेकर हो रही है कि क्या संभावित व्यापार सौदे के हिस्से के रूप में भारतीय नागरिकों को दिए गए व्यावसायिक वीजा की संख्या में वृद्धि की जाए या नहीं। ये मामला ऋषि सुनक से पीएम बनने से पहले से चल रहा है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बिजनेस वीजा के मुद्दे पर नए ब्रिटिश प्रधानमंत्री का अपने ही शीर्ष टीम के साथ टकराव हो सकता है। ब्रिटिश व्यापार मंत्री ग्रेग हैंड्स ने बुधवार को हाउस ऑफ कॉमन्स को बताया कि भारत के साथ चर्चा में व्यापार वीजा महत्वपूर्ण मुद्दा है और यह “सक्रिय बातचीत” का एक क्षेत्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि डील के अधिकतर हिस्से पर बातचीत पूरी हो चुकी है।
भले ही भारत के साथ बिजनेस वीजा को लेकर अंतिम सहमति न बनी हो लेकिन ब्रिटिश व्यापार मंत्री ग्रेग हैंड्स का कहना है कि अगर सहमति बन जाती है तो निर्यातकों को एक अरब भारतीय उपभोक्ताओं तक अधिक पहुंच प्रदान होगी। इससे ब्रिटिश व्यापारियों को भी फायदा होगा। लेकिन मामला फस रहा है सुनक की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को लेकर। अगर ब्रिटिश सरकार वीजा व्यवस्था में ढील देती है तो पीएम सुनक गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन के साथ सीधे टकराव के रास्ते पर आ सकते हैं। सुएला ब्रेवरमैन ने हाल ही में वीजा व्यवस्थाओं के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी।
यहां पर ये भी जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि पीएम ऋषि सुनक और गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन दोनों ही भारतीय मूल के हैं। ब्रेवरमैन कट्टर ब्रेक्सि समर्थक रही हैं। ब्रेवरमैन के पिता गोवा मूल के और उनकी मां तमिल मूल की हैं। लेकिन लिज ट्रस सरकार में इस्तीफा देने से पहले ब्रेवरमैन ने भारतीयों को लेकर एक बयान से विवाद खड़ा कर दिया था। ब्रेवरमैन ने कहा था कि वीजा की समयावधि बीत जाने के बाद भी बड़ी संख्या में भारतीय ब्रिटेन में रुके रहते हैं। उनके बयान से वर्तमान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) वार्ता को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
सुएला ब्रेवरमैन को दोबारा ब्रिटिश गृहमंत्री नियुक्त करने को लेकर सुनक पहले से ही काफी दबाव में हैं। ‘लिबरल डेमोक्रेट्स’ पार्टी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन को फिर से देश की गृह मंत्री नियुक्त किए जाने की ‘कैबिनट ऑफिस’ द्वारा जांच कराए जाने की मांग की है। ब्रेवरमैन (42) को मंत्री संबंधी संहिता का उल्लंघन करने के कारण पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ब्रेवरमैन के त्यागपत्र के बाद ही लिज ट्रस सरकार पर संकट पैदा हो गया था। ब्रेवरमैन भी सुनक की ही तरह यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की समर्थक हैं। अब यह देखना अभी बाकी है कि आव्रजन पर ब्रेवरमैन के सख्त रुख से नए मंत्रिमंडल में इस मामले पर क्या स्थिति बनती है। क्योंकि भारतीयों को लेकर उनके बयान से वर्तमान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) वार्ता को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
भारत को ‘आर्थिक महाशक्ति’ बताते हुए ब्रिटेन ने बुधवार को कहा कि वह ऐसे ‘सबसे अच्छे’ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में काम कर रहा है, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो। भारत और ब्रिटेन ने इस साल जनवरी में एफटीए के लिए बातचीत शुरू की थी और दीपवाली तक बातचीत को पूरा करने का अनौपचारिक लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, कई मुद्दों पर आम सहमति की कमी के कारण समयसीमा चूक गई।
ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार सचिव ग्रेग हैंड्स ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार सचिव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमने पहले ही ज्यादातर बातचीत को पूरा कर लिया है और जल्द ही अगले दौर की वार्ता शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘एक मजबूत एफटीए ब्रिटेन और भारत के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत कर सकता है। यह वर्ष 2035 तक ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को तीन अरब पाउंड से अधिक करने के साथ परिवारों और समुदायों की मदद कर सकता है।’’
हैंड्स ने कहा कि एफटीए ब्रिटेन की कंपनियों के लिए भारत के गतिशील बाजार में बिक्री को सस्ता बना सकता है। इससे आर्थिक वृद्धि को गति देने और हर देश एवं क्षेत्र में नौकरियों का समर्थन करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि भारत निश्चित रूप से एक ‘आर्थिक महाशक्ति’ है, जिसका वर्ष 2050 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने का अनुमान है।
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