यात्रा संचालन में सभी का सहयोग जरूरी : महाराज
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प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज
देहरादून। चारधाम यात्रा प्रारंभ होने के पुनीत अवसर पर उत्तराखंड आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों, प्रदेशवासियों और यात्रा तैयारियों में लगे सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होने कहा कि श्री गंगोत्री धाम के कपाट को पूर्वाह्न 11.15 बजे और श्री यमुनोत्री धाम के कपाट अपराह्न 12.15 बजे खुल गए हैं। इसी प्रकार श्री केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई प्रात: 6.25 जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई रविवार को 6 बजकर 15 मिनट पर यात्रियों के दर्शनार्थ खुल जायेंगे।
उन्होने सभी से अनुरोध है कि चारधाम यात्रा देवभूमि के सम्मान और अस्मिता से जुड़ी है। इसलिए यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित करने में हमें अपना सहयोग दें और यात्रा नियमों का अनुपालन करें। श्री महाराज ने कहा कि सरकार ने यात्रा की दृष्टि से सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यात्रा के कुशल संचालन के लिए सभी सभी व्यवस्थायें चाकचौबंद हैं। चारों धामों में कैरिंग कैपेसिटी से अधिक यात्री ना पहुंचे इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए व्यवस्था में लगे कर्मचारियों अधिकारियों को उनकी उचित व्यवस्था हेतु आवश्यक निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। चारधाम आने वाले वाले तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। यात्रा मार्ग बाधित होने की स्थिति में उन्हें वैकल्पिक मार्गों से निकालने के साथ-साथ जाम के दौरान पानी, दूध, फल आदि की व्यवस्था करने के लिए शासन प्रशासन को मुस्तैद रहने को कहा गया है।
पर्यटन मंत्री ने सभी होटल एवं रेस्टोरेंट्स व्यवसाईयों से अनुरोध किया है कि वह भी यात्रियों के सम्मान में किसी प्रकार की कोई कमी ना रखें। आवास सुविधाओं से लेकर खानपान तक सभी वस्तुओं को निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर ना बेचें। वाहन स्वामी एवं चालक भी अपनी गाड़ियों को स्वच्छ रखने के साथ-साथ यात्रियों को प्रदेश के अन्य धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों की जानकारी भी दें ताकि चारों धामों में दबाव को कम किया जा सके।
उन्होने कहा कि यात्रा को सफल बनाने का प्रयास सभी को मिलकर करना है। इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालू इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। हमें अपने सेवा भाव से यह सुनिश्चित करना है कि चारधाम आने वाले प्रत्येक यात्री को हम “अतिथि देवो भवः” के अनुरूप उसका आदर और सत्कार करें। यात्रियों से भी मेरा निवेदन है कि वह यात्रा के दौरान मास्क एवं सेनिटाइजेशन का प्रयोग उपयोग करें।
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