भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप-केंद्र बनना है : गोयल
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नयी दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत अपने आप को दुनिया में सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विकसित करना चाहता है और भारतीय युवा उद्यमियों में स्टार्टअप की एक प्यास सी जग चुकी है।
संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में आर्थिक वृद्ध का प्रवेश-द्वार-भारत के स्टार्टअप परिवेश’ एक गोल-मेज चर्चा में श्री गोयल ने कहा, आज हम तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं, लेकिन हमारी आकांक्षा दुनिया का नंबर एक स्टार्टअप डेस्टिनेशन बनना है। भारत में स्टार्टअप की प्यास जग चुकी है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इकाइयां पूरे नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं और यह तंत्र भारत को एक नई दिशा, नई गति दे रहा है।
गोयल के साथ सत्र की सह-अध्यक्षता संयुक्त अरब अमीरात के उद्यमिता और सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्यम राज्य मंत्री, अहमद बेलहौल अल फलासी , अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री डॉ थानी ज़ायौदी, अबू धाबी आर्थिक विकास विभाग के अध्यक्ष, मोहम्मद अल शराफ ने की।
गोयल ने कहा, भारत स्टार्टअप इकाइयों के लिए एक विशेष जुगलबंदी यानी निवेशकों और उद्यमियों के बीच विशेष तालमेल के साथ सबसे अच्छा पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है जिसमें एक संतुलित परिणाम और सभी के लिए एक लाभदायक समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि दुबई एक्सपो से हमारे स्टार्टअप को वित्त जुटाने, समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने और एंजेल निवेश प्राप्त करने का अवसर मिला है। ये पहलू यूएई के साथ भारत की दोस्ती के मजबूत बंधन को मजबूत करने में मदद करेंगे।
स्टार्टअप को बढ़ावा देने में सरकार की भूमिका के बारे में मंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य स्टार्टअप को एक समान अवसर और सर्वोत्तम व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) को अंतिम रूप दिया है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार, बी2बी जुड़ाव और आकर्षक निवेश के अवसरों का पता लगाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, हम इस साझेदारी को स्थिरता, एयरोस्पेस, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी,कनेक्टिविटी, एआई, डेटा एनालिटिक्स, 5जी, मेटावर्स आदि के क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। हम एक-दूसरे की पेशकशों और विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए तत्पर हैं।
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