उत्तराखंड

खटीमा की जनता का प्रायश्चित, CM पुष्कर की हार से नाराज ग्रामीणों ने ली सांकेतिक जल समाधि

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खटीमा । अपने ही गृहक्षेत्र में सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार निराश होकर स्वयं को हार के लिए जिम्मेदार मानते हुये पांच गांवों के ग्रामीणों ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शनिवार को शारदा नहर में संकेतिक जल समाधि ली। इस दौरान एसडीएम व सीओ द्वारा चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी। मौके किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए जल पुलिस मौजूद रही। शनिवार को खटीमा के मेलाघाट, बंधा, सिसैया, बगुलिया, खेलड़िया, सिसैया के ग्रामीण 22 पुल शारदा नहर पहुंचे। यहां पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के पानी में उतरने वाले ग्रामीणों का आयोजक रामायण राम, राम पांडेय आदि ने माला पहनाकर स्वागत किया। पाला पहनने के बाद हाथों में बैनर लेकर ग्रामीण पानी में उतर गए।

पानी बहुत अधिक होने के कारण महिलाएं किनारे पर ही खड़े रहे जबकि पुरुष गले तक पानी तक शारदा नहर में उतरे। ग्रामीण 12 बजे तक पानी में खड़े रहे इस दौरान बुजुर्ग महिलाएं और हाथों में बच्चे को लेकर महिलाएं पानी में खड़ी रही। 12 बजे एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट ने ग्रामीणों की फोन से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कराई।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि वह इसी गांव के पले बढ़े हैं, यह मेरा गांव,जनता का जनादेश मेरे सिर माथे, चुनाव में हार जीत होती है, मेरी हार जीत से खटीमा के विकास पर असर नहीं पड़ेगा, मुझे यहां की समस्याओं की जानकारी है। यहां पर जमीन के मामले सहित अन्य समस्याएं हैं। जिसका समाधान किया जाएगा।जब वह विधायक थे उस समय यूपी में सपा की सरकार थी, लेकिन मेरा प्रयास यह रहा कि यहां जल भराव की समस्या नहीं हो। हम खटीमा के विकास के लिए काम कर रहे हैं। खटीमा में 300 करोड़ की योजनाएं संचालित हो रही हैं। हम मेलाघाट, बंधा, सिसैया, बगुलिया, खेलड़िया, सिसैया गांव की जनता हमारी विकास की मुख्य धारा से वंचित हैं। दुर्भाग्यवस हमारे क्षेत्र से पुष्कर सिंह धामी जीत कर जाएंगे, लेकिन लोगों द्वारा ऐसी अफवाएं फैलाई गई जिससे धामी हार गए। शौभाग्य की बात है कि धामी सीएम बन गए हमें इससे खुशी है।

रामायण प्रसाद कहते हैं हमे ऐसा लगा कि वह हमसे नाराज हैं वही हमारे रहनुमा हैं वही हमारा काम करने वाले हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने वायदा किया था मुख्यमंत्री बनेंगे तो उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। हमारे मुखिया धामी की हार पर हम सांकेतिक जलसमाधि लेकर प्रायश्चित कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि धामी हमारे बीच आए और हमारी समस्या सुने। पप्पू शाही कहते हैं हमारी समस्या जमीन की है चाहे उसे अवैध ही का जाए हम पीढ़ियों से यहां खेती कर रहे हैं। वह जमीन हमारे नाम की जाय। जल भाराव से हमारी फसल उजड़ गई। हमारी फसलों का जो नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया जाय। इस बार हमारी फसलें पानी की भेंट चढ़ गई।

राजसजीवन कहते हैं आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांव को विकास की मुख्य धारा में लाना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस क्षेत्र की जनता को बहुत अधिक उम्मीदें हैं।शिवलाल कहते हैं मुख्यमंत्री हमारे पड़ोस के हैं उनके अलावा हमारी समस्याओं का समाधान कोई नहीं कर सकता। हमारी जमीन की समस्या है, पानी की समस्या है, बंधे में इतना अधिक पानी भर गया कि लोगों की पूरी फसल बरबाद हो गई। हमारी उम्मीद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ही है। हम चाहते हैं कि हमारी समस्या का समाधान धामी करें।

कमला भंडारी कहती हैं हमारी मीन की समस्या है, जमीन हमारी है लेकिन हमारे नाम पर नहीं है, इसी तरह यहां के बंधा क्षेत्र के लोगों को पानी भरने से बहुत नुकसान हुआ है। हमें मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वह ही हमारी समस्या का समाधान करेंगे। इस लिए हम उनकी हार से निराश होकर पश्चाताप करने के लिए जलसमाधि ले रहे हैं। चांदकली कहती हैं मेरी उम्र 80 साल है जब मैने सुना कि पुष्कर हार गया है मुझे बहुत दुख हुआ। मैने तो पुष्कर को ही वोट दिया था। वह हमारे सब दुख सुख में काम आता था। आज अगर धामी जीता होता तो हमारे यहां पानी नहीं भरता। दस साल धामी के समय पानी भरता जरुर था लेकिन निकल जाता था।

80 वर्ष की रेशमा कहती हैं पानी में खड़ा नही हुआ जाता अब एक घंटा हो गया है। सिर पर धूप भी चढ़ रही है, लेकिन जब पता चला कि धामी की हार पर लोग जल समाधी लेने के लिए आ रहे हैं। मेरे से नहीं रहा गया मुझे इसका बहुत हार से निराश होकर मैने भी निर्णय लिया और यहां आ गई। बच्चे मना कर रहे थे दादी आप मत जाओ बीमार हो जाओगी।

रविंद्र सिंह बिष्ट, एसडीएम खटीमा ने बताया मेलाघाट, बंधा, सिसैया, बगुलिया, खेलड़िया, सिसैया के ग्रामीण आज सांकेतिक जलसमाधि के लिए यहां एकत्रित हैं। ग्रामीण सीएम की उनके गृह क्षेत्र से हुई हार से निराश हैं। जिसके पश्चाताप में यह लोग जल समाधि ले रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हम सीएम से उनकी बात कराएंगे। ग्रामीणों की जो समस्याएं हैं उनका भी सकारात्मक हल निकलेगा।



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