उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद बूस्टर डोज को लेकर लोग लापरवाह, 55 लाख लोगों ने नहीं लगवाई फ्री प्रीकॉशन बूस्टर डोज
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देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद लोग प्रीकॉशन डोज (बूस्टर डोज) को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। केंद्र की ओर से प्रीकॉशन डोज निशुल्क किए जाने के बावजूद अभी महज 2.4 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है। 57 लाख पात्र लोगों में से अभी तक सिर्फ दो लाख लोगों ने ही प्रीकॉशन डोज लगाई है जबकि 55 लाख से अधिक लोगों को अभी यह डोज लगानी बाकी है। 11 लाख से अधिक लोगों को अभी कोरोना रोधी टीके की प्रीकॉशन डोज लगना बाकी है। जिले में 90 हजार से अधिक वैक्सीन डोज उपलब्ध है लेकिन उस हिसाब से कम मात्रा में लोग टीकाकरण के लिए आ रहे हैं। जिले में 70 से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। नोडल अफसर डॉ कुलदीप मार्तोलिया के अनुसार प्रीकॉशन डोज लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। अब वैक्सीन निशुल्क होने के बाद काफी लोग पहुंच रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द टीकाकरण की स्थिति में सुधार आएगा।
टिहरी
वैक्सीन का एक सप्ताह से अधिक का कोटा उपलब्ध है लेकिन बहुत कम लोग टीकाकरण के लिए पहुंच रहे हैं। अभी तक सिर्फ 14297 लोगों को ही प्रीकॉशन डोज लग पाई है। 231463 लोगों को अभी तक प्रीकॉशन डोज नहीं लग पाई है।
ऊधमसिंह नगर
यूएस नगर जिले में अभी 12 लाख से अधिक लोगों को प्रीकॉशन डोज लगना बाकी है। जिले में 75 हजार से अधिक वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं। अभी सिर्फ 38 हजार लोगों को ही वैक्सीन लग पाई है।
पौड़ी
22 हजार से अधिक वैक्सीन डोज जिले में पहुंची है। जिले में अभी तक फ्रंट वर्कर, हेल्थकेयर वर्कर, वद्धों समेत 66 हजार 323 लोगों को बूस्टर डोज लगी है। अभी 15 हजार लोगों को ही वैक्सीन लगी।
उत्तराखंड में दो हजार से कम सैपलों की जांच
मंगलवार को राज्य में सिर्फ 1874 सैंपलों की जांच हुई। राज्य के आठ जिले ऐसे थे जहां 100 से कम सैंपलों की जांच हुई है। मंगलवार को सबसे अधिक 476 सैंपल देहरादून में जांचे गए और सबसे कम छह सैंपलों की जांच चम्पावत जिले में हुई है। नैनीताल में 432, हरिद्वार में 172, पौड़ी में 87, अल्मोड़ा में 37, बागेवर में 40, चमोली में आठ, पिथौरागढ़ में 21, रुद्रप्रयाग में 19, टिहरी में 317, यूएस नगर में 97 जबकि उत्तरकाशी में 162 सैंपलों की जांच हो पाई।
एक दिन में 35 हजार का हो रहा टीकाकरण
केंद्र सरकार की ओर से प्रीकॉशन डोज निशुल्क किए जाने के बाद टीकाकरण की रफ्तार कुछ बढ़ी है लेकिन अभी राज्य में एक दिन में महज 35 हजार के करीब लोगों को ही डोज लग पा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि लोग टीकाकरण केंद्रों पर कम पहुंच रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की मुश्किल बढ़ गई है। दरअसल राज्य में संक्रमण बढ़ रहा है और लोगों के प्रीकॉशन डोज न लगाने से परेशानी बढ़ सकती है। कई लोग अभी भी लापरवाही रख रहे हैं। लोग टीका लगाने के लिए कम ही आ रहे हैं।
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