उत्तराखंड

उत्तराखंड में कांग्रेस पहले ही मान चुकी है अपनी हार, कांग्रेस को न जनादेश पर विश्वास रहा और न अपने प्रत्याशियों पर – नरेश बसंल

[ad_1]

देहरादून। भाजपा सांसद नरेश बसंल ने कहा उत्तराखंड कांग्रेस के नेता अपनी हार को सामने देखकर उूलजलूल बयानबाजी करने में लगे हैं। 14 फरबरी मतदान के बाद से कांग्रेस और उसके सभी नेता, प्रत्याशी बेहद डरे हुए हैं। जनता ने कांग्रेस को 2017 के विधानसभा चुनावों में ही रिजेक्ट कर दिया था इस बार पूरी तरह राज्य से सफाया कर देगी। कांग्रेस अपनी हार को सामने देखकर तरह-तरह के आरोप व बहानेबाजी कर रही है। कांग्रेस को चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं रहा, जनता पर विश्वास नहीं रहा, कोर्ट पर विश्वास नहीं रहा, जिनको टिकट देकर चुनाव लड़वाया उन पर भी विश्वास खत्म हो गया है।

यही वजह है कि उनको छिपाने की नौबत आ रही है। कॉंग्रेस को चुनावों में अपनी हार स्पष्ट नज़र आ रही है तभी वह डाक मतदान पत्रों को लेकर अनर्गल आरोप लगाकर शेष डाक मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने का काम कर रही है। अधिकांश सर्विस मतदाता भाजपा के विचारों और सरकार के कार्यों से संतुष्ट है इसलिए कॉंग्रेस षड्यंत्र के तहत वोटरों को दिग्भ्रमित कर मतदान से रोक रही है। उन्होने कहा कि चुनाव आयोग को बिना किसी आधार के लगाए जा रहे ऐसे तमाम फर्जी आरोपों के प्रभाव को संज्ञान में लेना चाहिए और तत्काल इस तरह के बयानों पर रोक लगाते हुए संबन्धित व्यक्तियों से पूछताछ कर उन पर आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए 

बीजेपी सत्ता नहीं सेवा की राजनीति करती है- नरेश बंसल
रशिया यूक्रेन युद्ध शुरू हुए करीब 9 दिन बीत चुके हैं। बीते कुछ दिनों से यूक्रेन से भारतीयों के लौटने का सिलसिला जारी है। माना जा रहा है कि 20 हजार से ज्यादा भारतीय यूक्रेन से वापस आ चुके हैं। इनमें से अधिकतर संख्या छात्रों की है और वे यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे। कांग्रेस केन्द्र व राज्य सरकार पर भारतीयों की देर से वापसी पर सवाल खड़े कर रही है। इसके साथ ही कई अन्य गंभीर आरोप भी लगा रही हैं।वहीं राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि केन्द्र सरकार हर भारतीय की सुरक्षित वापसी को लेकर गंभीर है। यूक्रेन से वापसी की प्रक्रिया लगातार जारी है। कांग्रेस हर समय हर बात में राजनीति करती है। अगर दोनों देशों के बीच सब ठीक भी हो जाता है तो भी 2-3 महीनों से पहले हालात सामान्य नहीं होंगे। ऐसे में यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र व उनके परिजन भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय मीटिंग करके नई योजना बनाने की कोशिश में है, जिससे इन छात्रों का भविष्य खराब न हो।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *