आखिर क्यों कहा गोदियाल ने की मुझे कहीं भेज सकें,धन सिंह में इतनी ताकत नहीं
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कहा कि धन सिंह ने उन्हें मुंबई भेजने की बात कही है, लेकिन धन सिंह में इतनी ताकत नहीं है कि उन्हें कहीं भेज सकें। कहा कि उनके विचारों में कितनी गहराई है, इस बात से सभी वाकिफ हैं। ऐसे में उनसे यह उम्मीद करना कि वह कोई गंभीर और समझदारी वाला बयान देंगे, बेइमानी है। जो व्यक्ति जैसा होता है, वैसा ही बयान देता है। भले ही वह चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग भी उनके बयानों को हल्के में ही लेते हैं। कौन कहां जाएगा, यह तो भविष्य के गर्त में है।
नाराजगी है तो पार्टी फोरम पर रखें बात
कांग्रेस के कुछ नाराज कार्यकर्ताओं की ओर से पार्टी और पीसीसी अध्यक्ष के खिलाफ सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने के मामले में गोदियाल ने कहा कि उनके संज्ञान में भी कुछ एक मामले आए हैं। यदि किसी को भी कोई दिक्कत है तो वह पार्टी फोरम पर अपनी बात रखें। ऐसी बातों से पार्टी को नुकसान न पहुंचाए। उन्होंने कहा कि ये स्वभाविक बातें हैं, जब कोई पार्टी चुनाव जीत जाती है तो बधाईयों का दौर शुरू हो जाता है और जब हार जाते हैं तो आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है।
बोले, त्यागपत्र देेने की पेशकश की थी
गोदियाल ने कहा कि जहां तक त्यागपत्र देने की बात है तो पार्टी हाईकमान ने बहुत विश्वास के साथ उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है, ऐसे में उनसे पूछे बिना, वह त्यागपत्र दे दें, यह उचित नहीं है। हालांकि वह अपनी तरफ से त्यागपत्र की पहल कर चुके थे, लेकिन हाईकमान की ओर से उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए ताकीद किया गया है।
किशोर अब खुद से पूछें, वह किस नंबर पर हैं
भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय की हरीश रावत पर की गई टिप्पणी के बारे में गोदियाल ने कहा कि किशोर को पार्टी ने हमेशा सम्मान दिया। निश्चित तौर पर वह कांग्रेस पार्टी में हरीश रावत के बाद दूसरे-तीसरे नंबर के नेता थे, लेकिन अब उन्हें देखना चाहिए कि वह जहां हैं, वहां उनका नंबर कौन सा है।
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