महापर्व छठ के तीसरे दिन आज दिया जाएगा डूबते सूर्य को अर्घ्य, जानिए क्या है सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
पहले दिन नहाय-खाय जहां तन की स्वच्छता करता है। वहीं दूसरे दिन खरना में मन की स्वच्छता पर जोर दिया जाता है। इसके बाद छठ के मूल पर्व षष्ठी का पूजन होता है और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनका आह्वान किया जाता है। खरना के दिन तन मन से शुद्ध होकर छठी मैया का प्रसाद बनाया जाता है। आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक रविवार को शाम 5:32 बजे सूर्यास्त का समय है। और सोमवार को सूर्योदय का समय 6:31 बजे रहेगा।
लोक आस्था का महापर्व छठ क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जा रहा है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने प्रदेशवासियों को छठ पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि यह पर्व भगवान सूर्य की पूजा के साथ-साथ नदियों और जल स्रोतों की साफ-सफाई और उनके संरक्षण के लिए भी प्रेरित करता है। उन्होंने इस शुभ अवसर पर भगवान सूर्य से प्रदेशवासियों की सुख एवं समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रदेशवासियों को छठ पूजा पर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। सीएम ने कहा कि यह पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने का संदेश देता है। सूर्य की आराधना प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों की आराधना है।