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पराली जलाने की घटनाओं को लेकर बोले तरुण चुघ, कहा- उत्तर भारत बना गैस चैम्बर

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चंडीगढ़ ।  भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने प्रदेश में इस बार पराली जलाने की बड़ी घटनाओं ने आम आदमी पार्टी की सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो प्रदेश में सत्ता में आने के बाद पराली जलाने पर पाबंदी लगाने का दावा करते थे, लेकिन इस बार रिकॉर्ड तोड़ पराली जली है। यह प्रदेश के वातावरण के साथ-साथ उपजाऊ भूमि की गुणवत्ता को नष्ट करने, मानव जीवन की पीडियो की प्रजनन  शक्ति को समाप्त करने का गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।

उन्होंने बताया कि 24 अक्तूबर तक प्रदेश में लगभग 45-50 फीसदी रकबे से धान की कटाई हो चुकी है। इस कारण दिल्ली एन.सी.आर. में तेजी से हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इसरो के अनुसार 15 सितंबर से 28 अक्तूबर तक 10,214 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। इनमें से 7,648 पराली जलाने की घटनाएं पंजाब में रिपोर्ट हुई हैं। यह पिछले वर्ष से लगभग 33.5 फीसदी ज्यादा है। वर्तमान धान कटाई के मौसम के दौरान लगभग 71 प्रतिशत खेत में आग लगी है। केवल सात जिलों अमृतसर, संगरूर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, कपूरथला, पटियाला और तरनतारन में सबसे अधिक पराली जली है जो वायु, जंगल, जीव, जंतु, जीवन को विष से भर रहे हैं जिससे कैंसर, दमा, अलर्जी, चर्म रोग एवम हार्ट अटैक में बढ़ावा हो रहा है। इसके बावजूद नालायक भगवंत मान की आम आदमी पार्टी की सरकार ना तो पराली का कोई प्रबंध कर पाई ना ही किसानों को समझा पाई ना रोक पाई। ऐसा लगता है पंजाब में सरकार नाम की कोई इंस्टीट्यूशन नहीं है। आम आदमी पार्टी की नालायक सरकार ने उत्तर भारत गैस चैम्बर बना दिया है।

तरुण चुघ के अनुसार केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार अकेले पिछले 7 दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 69 फीसदी इजाफा हुआ है। दुःख का विषय है कि पंजाब सरकार किसानों को धान के अवशेष संभालने के लिए जरूरी मशीनरी उपलब्ध करवाने में असमर्थ रही है। केंद्र सरकार ने अपनी सी.आर.एम. योजना के माध्यम से पंजाब सरकार को धन उपलब्ध कराया है। अकेले पंजाब सरकार को बीते पांच वर्षों से लगभग 1,347 करोड़ की राशि जारी हुई है। चालू वर्ष में 1,20,000 से अधिक मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। पंजाब सरकार पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए 8000 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का दावा कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत बयान कर रही है कि पंजाब सरकार इस मामले में फेल हो चुकी है।



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